नयी दिल्ली, अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ की तकनीकी समिति ने सभी आयु समूहों में पुरुष और महिला राष्ट्रीय टीमों के प्रदर्शन का मूल्यांकन करने के लिए बुधवार को वर्चुअल बैठक की।
भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान आईएम विजयन ने बैठक की अध्यक्षता की और बैठक में एआईएफएफ महासचिव डॉ. शाजी प्रभाकरन, उप महासचिव सत्यनारायण एम, तकनीकी निदेशक सैयद साबिर पाशा और सदस्य पिंकी बोमपाल मगर, हरजिंदर सिंह, अरुण मल्होत्रा, क्लाइमेक्स लॉरेंस और यूजीनसन लिंगदोह ने भाग लिया।
महासचिव ने तकनीकी समिति को उस समझौता ज्ञापन के बारे में सूचित किया जिस पर एआईएफएफ ने मध्य एशियाई फुटबॉल संघ (सीएएफए) के साथ हस्ताक्षर किए थे। एमओयू के अनुसार सभी आयु समूहों की भारतीय राष्ट्रीय टीमों को सीएएफए टूर्नामेंट में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जाएगा।
एआईएफएफ सूत्रों ने बताया कि तकनीकी समिति के सदस्यों ने इस तथ्य की सराहना की कि सीएएफए सदस्य देश मूल रूप से मजबूत फुटबॉल खेलने वाले देश हैं और इससे भारतीय फुटबॉलरों को कठिन विरोधियों के खिलाफ खेलने में मदद मिलेगी।
डॉ प्रभाकरन ने कहा, “जिन टूर्नामेंटों में हम मध्य एशियाई टीमों के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करेंगे, उनसे हमारे फुटबॉलरों को उच्च स्तर पर प्रतिस्पर्धा और प्रदर्शन करने में काफी मदद मिलेगी। ऐसे टूर्नामेंट खेलने का अवसर मिलने से हमें ऊंचे लक्ष्य रखने में मदद मिलेगी और हमारा लक्ष्य 2026 तक शीर्ष एशियाई टीमों को चुनौती देना शुरू करना है।
समिति ने इस वर्ष की शुरुआत में एशियाई खेलों में उच्च रैंकिंग वाले विरोधियों और कठिन परिस्थितियों का सामना करने के बावजूद पुरुष और महिला टीम के खिलाड़ियों द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। सदस्यों ने यह भी सिफारिश की कि एशियाई खेलों जैसे टूर्नामेंटों के लिए क्लबों द्वारा जारी किए गए खिलाड़ियों के मामले पर अगली कार्यकारी समिति की बैठक में चर्चा की जाए।
उन्होंने सीनियर महिला राष्ट्रीय टीम ने एशियाई खेलों में थाईलैंड और चीनी ताइपे जैसे कठिन प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ सराहनीय प्रदर्शन किया, लेकिन सिफारिश की कि ब्लू टाइग्रेसेस को ऐसे आयोजनों की तैयारी के लिए लंबे समय तक तैयारी का समय और एक्सपोज़र फ्रेंडली दिया जाना चाहिए।
उन्होंने सुझाव दिया कि अंडर-23 राष्ट्रीय टीम बनायी जानी चाहिए। जिसका नेतृत्व वर्तमान सीनियर राष्ट्रीय टीम के सहायक कोच और भारत के पूर्व डिफेंडर महेश गवली को दिया जाए। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों की प्रगति को सुव्यवस्थित करने के लिए गवली को अन्य जूनियर टीमों के विकास के लिए परियोजना का नेतृत्व भी करना चाहिए।
सदस्यों ने एएफसी अंडर-17 महिला एशियाई कप क्वालीफायर में भारत की अंडर-17 महिला टीम के दक्षिण कोरिया और थाईलैंड जैसी उच्च रैंकिंग वाली टीमों के खिलाफ अच्छी प्रतिस्पर्धा करने के लिए सराहना की।
एआईएफएफ ने तीन साल में पहली बार सब-जूनियर और जूनियर महिला राष्ट्रीय फुटबॉल चैंपियनशिप का आयोजन किया है। सदस्यों को लगा भारत घरेलू स्तर पर जूनियर फुटबॉल में पिछड़ रहा है, जूनियर एलीट लीग और खेलो इंडिया के साथ ऐसी राष्ट्रीय चैंपियनशिप की शुरुआत से अंतर को पाटने में मदद मिलेगी।
समिति ने फेडरेशन को अंडर-19 खिलाड़ियों बेहतर तरीके से विकसित करने के लिए एक डेटाबेस बनाने का भी सुझाव दिया