दिल्ली की एक विशेष अदालत ने आबकारी नीति में कथित अनियमितता के आरोप में गिरफ्तार पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की हिरासत शनिवार को दो दिन बढ़ा दी।
सीबीआई ने श्री सिसोदिया को रविवार को गिरफ्तार करके 27 फरवरी को विशेष अदालत में पेश किया जहां उन्हें चार मार्च तक के लिए सीबीआई हिरासत में भेजा दिया गया था।
राउस एवेन्यू स्थित एम. के. नागपाल की विशेष अदालत के समक्ष शनिवार को सीबीआई ने श्री सिसोदिया की तीन दिनों की और हिरासत की गुहार लगाई थी।
श्री सिसोदिया ने शुक्रवार को सीबीआई की इसी अदालत में नियमित जमानत की याचिका दायर की थी। अदालत ने जमानत याचिका पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सीबीआई को अगली सुनवाई 10 मार्च तक अपना जवाब दायर करने को कहा है।
सीबीआई ने जवाब दाखिल करने के लिए होली की छुट्टियों का हवाला देते हुए 15 दिन का समय देने की गुहार लगाई थी।
गौरतलब है कि शीर्ष अदालत ने 28 फरवरी को श्री सिसोदिया की रिट याचिका खारिज करते हुए कहा था कि याचिकाकर्ता दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष गुहार लगा सकता है।
श्री सिसोदिया ने अपनी गिरफ्तारी और सीबीआई की जांच के तरीकों पर सवाल उठाते हुए राहत की उम्मीद से शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ ने मंगलवार को संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद श्री सिसोदिया की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया।
शीर्ष अदालत से राहत नहीं मिलने के बाद श्री सिसोदिया ने बाद में उसी दिन उप मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसे स्वीकार कर लिया गया है।
सीबीआई ने दिल्ली की आबकारी नीति 2021-2022 ( विवाद के बाद दिल्ली सरकार ने इस नीति को रद्द कर दिया था) में कथित अनियमितता के मामले में श्री सिसोदिया को 26 फरवरी आठ घंटे की लंबी पूछताछ के बाद देर शाम गिरफ्तार किया था।
सीबीआई ने आरोप लगाया था कि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे, इसीलिए उन्हें गिरफ्तार किया गया। सीबीआई ने 17 अक्टूबर 2022 को श्री सिसोदिया से पूछताछ की थी।
सीबीआई ने 17 अगस्त 2022 को श्री सिसोदिया और अन्य 14 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।