मुंबई, शिवसेना (यूबीटी) ने ‘सामना’ और ‘दोपहर का सामना’ में तीखे संपादकीय लिखते हुए शनिवार को पूछा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 10 वर्षों में क्या किया। शिवसेना (यूबीटी) का यह संपादकीय प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार पर निशाना साधने के ठीक दो दिनों बाद आया है।
महाराष्ट्र के वरिष्ठ नेता पवार के बचाव में उतरते हुए महा विकास अघाड़ी की सहयोगी शिवसेना ने प्रधानमंत्री की टिप्पणी का विरोध करते हुए कहा कि मोदी को अब ठीक विपरीत बात करने से पहले पावर पर अपनी पिछली टिप्पणियों पर भी ध्यान देना चाहिए था।
शिवसेना ने सामना में लिखा “मोदी सरकार ने कृषि और सामाजिक क्षेत्रों में योगदान देने के लिए पवार को पद्म विभूषण से सम्मानित किया, सिर्फ 4-5 साल पहले, मोदी ने पवार के काम और नेतृत्व के गुणों की प्रशंसा की थी कि कैसे उन्होंने केंद्रीय कृषि मंत्री के रूप में गुजरात की सहायता की थी, और वह (मोदी) पवार की उंगली पकड़कर राजनीति में आए थे।”
संपादकीय में कहा गया कि आज सब कुछ बदल गया है। मोदी की कथनी और करनी में सामंजस्य नहीं है और यह भ्रमित मानसिकता का संकेत है। सामना में पलटवार करते हुए शिवसेना ने पूछा कि प्रधानमंत्री ने देश के लिए क्या किया और विभिन्न मुद्दों को सूचीबद्ध करते हुए आरोप लगाया कि मोदी ने अपनी नीतियों से भारत में जीवन को मुश्किल बना दिया है।
सामना ने कहा कि कई सुखी-संपन्न लोग अब भारत में नहीं रहना चाहते हैं और दूसरे देशों में पलायन कर रहे हैं। भाजपा ने इस देश को जीने लायक नहीं रहने दिया है, लोग डरे हुए हैं, किसान आत्महत्या कर रहे हैं, युवा हताश हैं।
संपादकीय में कहा गया,“अजित पवार मोदी के आरोपों का जवाब हैं, अजीत को उनके चाचा शरद पवार ने तैयार किया था, भाजपा अजित पवार को तोड़ सकती है, लेकिन 82 वर्षीय शरद पवार अभी भी आसपास हैं और इसलिए मोदी डरे हुए हैं।”