पटना बिहार के मुख्यमंत्री एवं जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के शीर्ष नेता नीतीश कुमार ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं के साथ दोस्ती वाले बयान को लेकर जारी अटकलों पर विराम लगाते हुए आज स्पष्ट किया कि उन्होंने कहीं ऐसी बात नहीं की है कि वह उनके (भाजपा) साथ हैं।
नितीश कुमार ने शनिवार को यहां बिहार केसरी डॉ. कृष्ण सिंह की जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में भाजपा नेताओं से दोस्ती वाले बयान को लेकर पूछे गये सवाल पर कहा, “जब हम कुछ बोलते हैं तो आपलोग ध्यान से नहीं सुनते हैं। मोतिहारी के महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय विश्वविद्यालय के निर्माण के संबंध में हम बता रहे थे। उस समय की केंद्र सरकार से हमने केंद्रीय विश्वविद्यालय निर्माण के संबंध में कहा था। चंपारण क्षेत्र राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से संबंधित है इसलिए हमने कहा था कि यहीं पर केंद्रीय विश्वविद्यालय का निर्माण किया जाए।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले तो आश्वासन मिला लेकिन कुछ वर्ष बीत जाने के बाद कहा गया कि वहां निर्माण नहीं किया जा सकता है और उनलोगों ने गया में केन्द्रीय विश्वविद्यालय बनवाने का प्रस्ताव दिया। उन्होंने गया जैसे पौराणिक स्थल पर बनाने की बात को भी स्वीकार कर लिया। इसके अलावे उन्होंने कहा कि गया के अलावा मोतिहारी में भी केंद्रीय विश्वविद्यालय का निर्माण कराया जाए। मोतिहारी में कार्यक्रम में सारे दलों के लोग बैठे हुए थे तो हमने अपनी बातों को रखा।
नितीश कुमार ने कहा कि वर्ष 2005 में जब उनकी सरकार बनी तो उन्होंने चंपारण से ही कार्यक्रम की शुरुआत की थी। इन्हीं सब बातों की वह चर्चा कर रहे थे और उनलोगों से कह रहे थे कि आप सभी लोग इसे याद रखिएगा न, तो सभी ने ताली बजाकर कहा हां हम याद रखेंगे। बस इतनी सी ही बात है। उन्होंने कहा, “हमने कहीं ऐसी बात नहीं की है कि हम आपके साथ हैं। जो लोग केवल केंद्र की बात करते रहते हैं उन्हें हम अलर्ट करते रहते हैं कि जो काम बिहार सरकार के द्वारा राज्य में किया गया उसको जरूर याद रखिएगा। हमने अपने अधिकारियों से कहा है कि मेरा जो उस दिन भाषण हुआ है उसको भी रिलीज कर दीजिए। आज हम जो भी काम किए हैं किसी के कहने पर नहीं किए हैं, यह मेरी व्यक्तिगत इच्छा थी और वे लोग सहयोग में थे।”