पंकज पाराशर छतरपुर✍️
मध्य प्रदेश विधानसभा के पिछले चुनावों में वोटिंग प्रतिशत घटना-बढ़ता रहा है। इस बार के चुनाव में पूरे प्रदेश भर में 2 प्रतिशत का बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। इसी वोटिंग प्रतिशत की बढ़ोत्तरी के कारण लोगों ने अलग-अलग सियासी गणित लगाना शुरू कर दिए हैं।
ज्यातादर लोगों का मानना है कि ज्यादा वोटिंग सत्ता के खिलाफ नाराजगी होती है, जबकि घटा हुआ वोटिंग प्रतिशत सत्ता का समर्थन करता है, जानकारी के मुताबिक इस बार प्रदेश के कई मंत्रियों की सीटों पर मतदान में बढ़ोत्तरी, तो कई पर गिरावट दर्ज की गई है। लोगों का अनुमान है कि यहां उनकी मौजूदा स्थिति ठीक नहीं है, इसी कारण ये आंकड़ा देखने को मिल रहा है। ऐसे में कई मंत्रियों की सीटें फंसती हुई नजर आ रही हैं.
गोपाल भार्गव लगातार नौंवी बार संग्राम में ?
बात करें लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव की तो वे रहली विधानसभा सीट से लगातार 8 बार से चुनते आ रहे हैं, इस बार वे नौंवी बार चुनावी मैदान में हैं । पूरे चुनाव के दौरान गोपाल भार्गव या फिर उनके समर्थकों के बयान सुर्खियां बने रहे। इस बीच रहली विधानसभा सीट पर वोटिंग प्रतिशत पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले 3.26 प्रतिशत बढ़ा है। जिसके कारण यहां बीजेपी के माथे पर चिंता की लकीरे साफ तौर पर देखी जा सकती हैं।
भूपेंद्र सिंह की सीट खुरई का मिजाज ?
खुरई विधानसभा सीट की बात करें तो यहां से शिवराज सिंह चौहान के खास भूपेंद्र सिंह चुनकर आते हैं। इस बार भी भूपेंद्र सिंह ही बीजेपी से प्रत्याशी बनाए गए थे, लेकिन यहां पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले इस चुनाव में वोटिंग प्रतिशत घटा है। यहां 1.61 प्रतिशत कम मतदान हुआ है।वहीं राजनीतिक पंडितों की माने तो ये बीजेपी का सेफ किला है यहां बड़ी ही आसानी से बीजेपी चुनाव जीतने में सफल हो जाएगी।
उमा भारती के भतीजे की सीट का हाल ?
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के भतीजे और कुछ ही समय पहले नए-नए मंत्री बने राहुल लोधी की खरगापुर सीट पर पूरे बुंदेलखंड की नजर बनी हुई है।राजनीतिक जानकरों की माने तो इस सीट पर कड़ा मुकाबला होने के कारण परिणाम कुछ चौंकाने वाले हो सकते हैं, इसी बीच इस सीट पर 2.10 प्रतिशत मतदान बढ़ने से न सिर्फ राहुल लोधी की चिंता बढ़ी हैं बल्कि शिवराज सिंह चौहान और उमा भारती की धड़कने तेज हैं।
सुरखी विधानसभा में कैसा रहा वोटिंग प्रतिशत ?
सिंधिया समर्थक मंत्री और ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ ही कांग्रेस को टाटा करने वाले गोविंद सिंह राजपूत भले ही सुरखी विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव बड़ी आसानी से जीत गए हो, लेकिन विधानसभा चुनाव में कांटे की टक्कर मिली है, राजनीतिक पंडितों और सर्वे की माने तो बीजेपी की यहां स्थिति खासी खराब बताई जा रही है, 2018 के विधानसभा चुनाव में सुरखी सीट पर मतदान प्रतिशत 75.77 प्रतिशत रहा लेकिन इस चुनाव में महज मामूली बढ़ोतरी 75.88 दर्ज की गई है।
तमाम सर्वे और वोटिंग प्रतिशत को देखते हुए इस बार के चुनाव में बीजेपी इन दिग्गज मंत्रियों को कड़ी टक्कर मिली है। इसी कारण इनकी सीट फंसी हुई नजर आ रही है।