प्राण प्रतिष्ठा पर्व के एक दिन पहले राजधानी भोपाल में एक अभिनव महफिल सजी हुई थी। प्रदेशभर के नामवर शायर इस महफिल की रौनक बने हुए थे। “राम ही राम” शीर्षक से आयोजित इस कार्यक्रम की खासियत यह थी कि इसमें सभी शायरों को मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम पर केंद्रित गीत, गजल, नज़्म पढ़ने की सीमा में बांधा गया था।
साहित्यिक संस्था हम एक हैं और शहर के शायरों, साहित्यकारों और समाजसेवकों ने इस खूबसूरत कार्यक्रम को सजाया था। कार्यक्रम आयोजकों ने किसी व्यक्ति को विशेष अतिथि की गुंजाइश न रखते हुए ये आसन मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के लिए रखा था। उनका मानना था कि आयोजन राम के लिए है, सब आस्था और विश्वास के साथ उनके ही नाम पर जमा हुए हैं, इसलिए सारी दुनिया के मेहमान ए खास राम ही है। इस खास दिन के लिए श्रीराम ही सर्वोपरि हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता इकबाल मसूद ने की।
महफिल में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम को लफ्जों का नजराना पेश करते हुए अंतरराष्ट्रीय शायर मंजर भोपाली ने कहा कि-
चमन में फूल खिला राम जी की कृपा से
चराग बुझ के जला राम जी की कृपा से
मिला है देश को सम्मान राम नाम के साथ
ये सर बालंद हुआ राम जी की कृपा से
मशहूर शायर डॉ अंजुम बाराबंकवी का शेर हर तरफ चलने लेगा है सिक्का राम का…
डॉ मेहताब आलम का शेर चार लफ्जों में क्यों कहें फसाना राम का… बद्र वास्ती द्वारा कहा गया
हे राम के वजूद पर दुनिया को नाज़… उस्ताद शायर जफर सहबाई का शेर जात ओ गुरनत के सब्जी झगड़े मिटाए राम ने… डॉ मोहम्मद आजम का शेर किसी को सलाम किसी को राम राम करते हैं…. भी बेहद पसंद किए गए। इस मौके रिटायर डीजी एमडब्ल्यू अंसारी, डॉ कमर अली शाह, तसनीम राजा, सैयद इम्तियाज अली, सरवत जैदी, शिराज भोपाली, रजा दुर्रानी समेत शहर के शायर, साहित्यकार, समाजसेवी, आमजन मौजूद रहे
डॉ मेहताब आलम, अंतरराष्ट्रीय शायर
मंजर भोपाली, अंतरराष्ट्रीय शायर