नयी दिल्ली, राज्यसभा में आज जम्मू-कश्मीर में स्थानीय निकायोें में अन्य पिछड़े वर्ग (ओबीसी), अनुसूचित जातियों (एससी) और अनुसूचित जनजातियों (एसटी) से जुड़े तीनों विधेयकों का अधिकांश दलों ने समर्थन किया।
केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने ओबीसी को स्थानीय निकायों में आरक्षण दिये जाने से संबंधित जम्मू कश्मीर स्थानीय निकाय विधियां (संशोधन) विधेयक 2024 पेश किया। इसके साथ ही सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ वीरेन्द्र कुमार ने संविधान (जम्मू-कश्मीर) अनुसूचित जातियां आदेश (संशोधन) विधेयक, 2024 और जनजाति मामलों के मंत्री अर्जुना मुंडा ने ‘संविधान (जम्मू-कश्मीर) अनुसूचित जनजातियां आदेश (संशोधन) विधेयक, 2024 को सदन में पेश किया। इसके बाद इन तीनों विधेयकों पर एक साथ चर्चा शुरू करायी।
इन विधेयकों पर चर्चा की शुरूआत करते हुये कांग्रेस के राजमणि पटेल ने कहा कि ये संशोधन स्वागत योग्य है, लेकिन सरकार की मंशा ओबीसी, एससी और एसटी को लेकर सही नहीं है। यदि मंशा सही होती तो जम्मू कश्मीर में चुनाव हो चुके होते। युवा वर्ग बेरोजगार है और अधिक उम्र होने के कारण अब वे नौकरियों के लिए आवेदन करने की स्थिति में नहीं है। जाति जनगणना आवश्यक है क्योंकि हर समय विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा इसकी आबादी के बारे में पूछा जाता है। ओबीसी की गणना नहीं हो रही है। ओबीसी मुख्यमंत्री और मंत्रियों की संख्या बताकर इस समुदाय की उपेक्षा की जा रही है।
उन्होंने कहा कि देश में पिछड़ों को गुमराह किया जा रहा है। यह सरकार सिर्फ मूर्तियां बना रही है और मूर्तियों पर माला तथा विचारधारा पर ताला लगा दिया जाता है। सरदार पटेल से यदि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को यदि इतना ही लगाव था तो आजादी के समय ये लोग कहां थे। सरकार को ओबीसी के दर्द से कोई लेना देना नहीं है। यह सिर्फ ओबीसी पर राजनीति करना जानते हैं। यह सरकार सिर्फ बातें करती है जबकि ओबीसी को कोई अधिकार नहीं दिया जा रहा है।
भाजपा की कल्पना सैनी ने कहा कि मोदी सरकार ने धारा 370 को हटाकर राज्य को देश की मुख्यधारा से जोड़ने का काम किया है और अब ये विधेयक वहां के लोगों को आगे बढ़ाने का काम करेंगे।
तृणमूल कांग्रेस के मोहम्मद नदीमुल हक ने कहा कि राज्य में हालात के सामान्य होने की बात की जा रही है, लेकिन राज्य में विधानसभा चुनाव नहीं कराये जा रहे हैं।
द्रमुक के आर गिरिराजन ने कहा कि स्थानीय निकाय के चुनाव में ओबीसी को आरक्षण दिये जाने का प्रावधान किया गया है। अनुच्छेद 370 हटाये जाने के बाद से जम्मू-कश्मीर में सेना एवं अर्द्धसैनिक बलों के कितने जवान तैनात है।
आम आदमी पार्टी के अशोक कुमार मित्तल ने कहा कि उनकी पार्टी इन तीनों विधेयकों को पुरजोर समर्थन करती है। अनुच्छेद 370 हटाने को भी आप ने समर्थन किया था और इसके हटने के बाद राज्य के माहौल में सुधार हुआ है।
बीजू जनता दल के सस्मित पात्रा ने कहा कि कहा कि उनकी पार्टी इन तीनों विधेयकों को पुरजोर समर्थन कर रही है। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने अनुच्छेद 370 को हटाने का समर्थन किया है, लेकिन कुछ लोगों ने इसके लिए पांच सदस्यीय पीठ पर टीका टिप्पणी की।
वाईएसआरसीपी के अयोध्या रामी रेड्डी ऐल्ला ने विधेयकों का समर्थन करते हुए कहा कि तेलंगाना के पिछड़े वर्ग के लिए कल्याणकारी योजनाएं चलायी जा रही हैं। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के जान ब्रिटास ने कहा कि सरकार को लद्दाख की ओर ध्यान देना चाहिए। क्षेत्र की हालत लगातार बिगड़ती जा रही है।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी( भाकपा) के संदोष कुमार पी ने कहा कि सरकार को जम्मू-कश्मीर में विधानसभा बहाल करनी चाहिए और इसका चुनाव कराना चाहिए। विधेयकों का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाना आवश्यक नहीं था। यह तत्कालीन परिस्थितियों के अनुरुप था और उस समय के समय बड़े नेताओं की सहमति थी।
भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के आदित्य प्रसाद ने कहा कि इन विधेयकों से जम्मू-कश्मीर के लोगों का सशक्तीकरण होगा। अनुच्छेद 370 को हटाने से राज्य का विकास हो रहा है। राज्य में 5300 करोड़ रुपए खर्च किये गये हैं और 58 परियोजनाओं को पूरा किया गया है। राज्य के अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग को लाभ हो रहा है। अन्य पिछडा वर्ग को लाभ मिला है। मोदी सरकार राज्य के लोगों को न्याय सुनिश्चित कर रहा है।
कांग्रेस के नीरज डांगी ने कहा कि सरकार को एससी एसटी के लिए विशेष पैकेज देना चाहिए। सरकार को राज्य में जल्दी से जल्दी विधानसभा चुनाव कराने चाहिए। राज्य में आतंकवादी घटनायें हो रही है। इन घटनाओं में मृतकों की बढ़ रही है।
सरकार आरक्षण समाप्त करने का प्रयास हो रहा है।
तृणमूल कांग्रेस के जवाहर सरकार ने कहा कि जम्मूू-कश्मीर में बकरवाल को विशेष रुप से लाभ मिलेगा लेकिन धर्मपरिवर्तन करने वाले लोग इसके पात्र नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में गोलीबारी की घटनाएं बढ़ रही हैं जो चिंता पैदा करती हैं। सराकर को बड़ा दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।
वाईएससीपीआर के रायगा कृष्णैया ने विधेयकों का समर्थन करते हुए कहा कि ओबीसी समाज को उनके अधिकार दिये जाने चाहिए। भाकपा के ए ए रहीम ने कहा कि उनकी पार्टी विधेयकों का समर्थन करती है। उन्होंने कहा कि सरकार जम्मू- कश्मीर में लोगों को बांट रही है। इससे क्षेत्र में लोगों की बीच दूरी पैदा हो रही है। अन्नाद्रमुक के एम थंबी दुरै ने कहा कि देश में कुछ जातियां एक राज्य में एससी है और दूसरे राज्य में एसटी में हैं। इसे दूर किया जाना चाहिए। पंचायतों में महिला आरक्षण देने से समाज के निचले स्तर तक लोकतंत्र पहुंच रहा है।
भाजपा के राकेश सिन्हा ने कहा कि इन विधेयकों से जम्मू-कश्मीर के एसटी एससी और ओबीसी समाज को लाभ मिलेगा। अनुच्छेद 370 के हटाने से राज्य के पिछडे समुदायों को लाभ मिल रहा है। समाज में जातीय समानता होनी चाहिए लेकिन इसकी आड़ में पिछडी जातियों का शोषण नहीं होनी चाहिए।