Bhopal.. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मंगलवार को कहा कि देश बदलाव चाहता है तथा इस लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की ‘गारंटी’ का वही हश्र होगा जो वर्ष 2004 में ‘इंडिया शाइनिंग’ (भारत उदय) नारे का हुआ था। उन्होंने कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में यह भी कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं को कांग्रेस के घोषणापत्र को घर-घर तक ले जाना होगा। कार्य समिति ने खरगे को लोकसभा चुनाव के लिए घोषणापत्र को मंजूरी देने और इसे जारी करने की तिथि निर्धारित करने के लिए भी अधिकृत किया।
पार्टी का कहना है कि यह उसका सिर्फ एक चुनावी घोषणापत्र नहीं, बल्कि ‘न्याय पत्र’ होगा तथा वह ‘घर-घर गारंटी’ लेकर जाएगी। कार्य समिति की बैठक में घोषणापत्र के उस मसौदे पर विस्तृत चर्चा की गई जिसे पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की अध्यक्षता वाली समिति ने तैयार किया है। कांग्रेस के अनुसार, उसका घोषणापत्र पार्टी के पांच न्याय – ‘भागीदारी न्याय’, ‘किसान न्याय’, ‘नारी न्याय’, ‘श्रमिक न्याय’ और ‘युवा न्याय’- पर आधारित होगा। इनमें 25 गारंटी होंगी जिनकी घोषणा कांग्रेस अध्यक्ष खरगे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पहले ही कर चुके हैं।
सूत्रों का कहना है कि अगले कुछ दिनों के भीतर कांग्रेस अपना घोषणापत्र जारी कर सकती है। कार्य समिति की बैठक में पूर्व पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी एवं राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, घोषणापत्र समिति के प्रमुख पी चिदंबरम और कार्य समिति के कई अन्य सदस्य शामिल हुए। बैठक के बाद वेणुगोपाल ने संवाददाताओं से कहा, “कांग्रेस कार्य समिति ने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए घोषणापत्र पर विस्तृत चर्चा की। करीब साढ़े तीन घंटे तक चर्चा हुई। चर्चा के बाद कांग्रेस अध्यक्ष को अधिकृत किया गया कि वह घोषणापत्र को अनुमोदित करें और इसे जारी करने की तिथि निर्धारित करें।
” उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्य समिति ने पार्टी की गारंटियों को जमीनी स्तर तक ले जाने के लिए रूपरेखा तैयार की है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि यह सिर्फ घोषणापत्र नहीं होगा, बल्कि एक ‘न्याय पत्र’ होगा। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी ‘घर-घर गारंटी’ होगी।” रमेश ने दावा किया कि राहुल गांधी ने सबसे पहले ‘गारंटी’ शब्द का इस्तेमाल किया था जिसकी नकल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं भारतीय जनता पार्टी ने की है। बैठक में दिए अपने शुरुआती संबोधन में खरगे ने कहा, “देश बदलाव चाहता है। मौजूदा सरकार की गारंटी का वही हश्र होने जा रहा है जो 2004 में ‘इंडिया शाइनिंग’ नारे का हुआ था।” उन्होंने यह भी कहा कि इसीलिए कांग्रेस का घोषणापत्र 1926 से देश के राजनीतिक इतिहास में “भरोसे का दस्तावेज” बना हुआ है। कांग्रेस का घोषणापत्र पार्टी के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम की अध्यक्षता वाली समिति ने तैयार किया है।
खरगे के अनुसार, ”समिति ने प्रयास किया कि हमारा घोषणापत्र सिर्फ अकादमिक कवायद न रहे, बल्कि उसमें व्यापक जन भागीदारी हो। इसके लिए संपर्क और संवाद किया गया। वेबसाइट “आवाज भारत की” के जरिये लोगों से सुझाव आमंत्रित किए गए।” उन्होंने राहुल गांधी के नेतृत्व वाली “भारत जोड़ो न्याय यात्रा” का उल्लेख करते हुए कहा, “इस यात्रा से जुड़े मुद्दों की देश विदेश में बहुत चर्चा हुई है। इससे हम देश का ध्यान जनता के असली मुद्दों पर खींच पाए।” इस यात्रा का समापन 16 मार्च को मुंबई में हुआ।
खरगे ने कहा, “मुंबई हमारे लिए ख़ास तौर से महत्वपूर्ण है क्योंकि हमारी पार्टी की स्थापना मुंबई में ही हुई थी। हमारे स्वाधीनता आंदोलन को ताक़त भी 1942 में ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन के दौरान मुम्बई से ही मिली थी। बड़ी ख़ुशी की बात है कि ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ का समापन भी मुंबई में ही हुआ. खरगे ने कहा, “ये यात्राएं सिर्फ़ राजनीतिक रूप से ही महत्वपूर्ण नहीं हैं बल्कि हमारे राजनीतिक इतिहास में एक ऐसे प्रयास के रूप में दर्ज हो गई हैं जो जन संपर्क का सबसे बड़ा प्रयास है।
इतनी लंबी पदयात्रा लम्बे समय से किसी राजनेता ने नहीं की है, जिसे कोई चाहे तो भी नज़रअंदाज़ नहीं कर सकता। ” उन्होंने कांग्रेस की पांच गारंटी का उल्लेख करते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का आह्वान किया, “आप सभी वरिष्ठ नेताओं की बहुत अहम भूमिका होगी। आप सभी से मेरा अनुरोध है कि इसके सभी प्रमुख मुद्दों को पूरे देश में, गांव-मुहल्ला और घर-घर तक पहुंचाने में प्रेरक की भूमिका निभाएं.