भोपाल. भोपाल संसदीय सीट अस्तित्व में आने के बाद 1957 में हुए आम चुनाव में कांग्रेस की मैमूना सुल्तान ने जीत दर्ज की। सुल्तान स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ी रही थीं। भोपाल को राजधानी बनाने के लिए इन्होंने काफी संघर्ष किया। मैमूना सुल्तान लगातार दूसरी बार 1962 के आम चुनाव में विजयी होकर भोपाल की सांसद बनीं। गौरतलब है कि भोपाल में बेगम सुल्तानों का शासन लंबे समय से रहा । भोपाल जब रियासत हुआ करती थी तब यहां 82 साल तक महिलाओं ने शासन किया। आजादी के बाद मप्र का
गठन होने के बाद भी हुए आम चुनावों में भी इसका प्रभाव दिखा। और भोपाल के लोगों ने मैमूना सुल्तान के तौर पर अपना प्रतिनिधि चुना। अपने दो टर्म में बतौर सांसद भोपाल के विकास में मैमूना सुल्तान की बड़ी भूमिका रही। उनकी लोकप्रियता समाज में खूब थी।