फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि के दिन होलिका दहन का पर्व मनाया जाता है। जो कि सनातन धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण पर्व है। होलिका के अगले दिन होली का पर्व मनाया जाता है, जिसे प्रेम का प्रतीक माना जाता है। इस साल होलिका दहन 24 मार्च रविवार के दिन किया जाएगा। होली से कुछ दिन पहले ही लोग लकड़ी, उपले और झाड़ को एक जगह इकट्ठा करते हैं और होलिका दहन की रात इन चीजों को अग्नि के हवाले कर देते हैं। माना जाता है कि होलिका दहन की अग्नि की राख से कई परेशानियों से छुटकारा पाया जा सकता है। हिंदू धर्म में कुछ लोगों को होलिका दहन या जलती होली नहीं देखने की हिदायत दी जाती है। तो आइए जानते हैं कि किन लोगों को होलिका दहन नहीं देखनी चाहिए-
नवविवाहित महिलाएं
जिन महिलाओं की शादी के बाद पहली होली होती है, उन्हें गलती से भी जलती हुई होलिका नहीं देखनी चाहिए। माना जाता है कि जलती हुई होली देखने से उन्हें दोष लगता है और उनका सुख-सौभाग्य होलिका दहन की अग्नि में भस्म हो जाता है।
Pregnant women गर्भवती महिलाएं
गर्भवती महिलाओं के लिए होलिका दहन की पूजा करना या फिर उसे जलते हुए देखना अच्छा नहीं माना जाता है। उन्हें होलिका की परिक्रमा भी नहीं करनी चाहिए। ऐसा करने से गर्भ में पल रहे बच्चे की सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
नवजात बच्चे के साथ न देखें होलिका दहन
होली से पहले होलिका दहन को देखना और पूजा करना भले ही शुभ माना जाता है लेकिन नवजात बच्चे के लिए यह दोष का कारण बनता है। माना जाता है कि जिस जगह होलिका दहन किया जाता है। वहां बुरी शक्तियों का खतरा बना रहता है। इसलिए नवजात बच्चों को होलिका दहन से दूर रखना चाहिए