भोपाल। मुश्किलें, जरूरतें और हालात समय का चक्र हैं। यह परिस्थितियां जीवन में सभी के साथ बनती हैं। लेकिन बुरे दौर में साथ और सहयोग देने वाला हमेशा याद भी रखा जाता है और उसका यह कर्म ईश्वर/अल्लाह की नजर में भी पुण्य के तौर पर लिखा जाता है।
जकात सेंटर इंडिया ऐसे ही जरूरतमंद लोगों की खिदमत में लगा हुआ है। संपन्न लोगों से उनकी हैसियत और नीयत के मुताबिक पैसा लेकर, कमजोर तबके के लोगों तक पहुंचाने की इस संस्था की प्रक्रिया लंबे समय से जारी है। इसी कड़ी में शनिवार को शहर के कई लोगों तक उनकी जरूरत की रकम पहुंचने की रस्म की गई। इस मौके पर बड़ी संख्या में पहुंची महिलाओं ने इस राशि के चेक ग्रहण किए। उन्होंने इस काम को करने वालों के दुआएं की। साथ ही उनके लिए भी नेक ख्वाहिशें की, जिन्होंने अपनी हलाल कमाई से गरीब, मजलूम लोगों के लिए पैसा निकाल कर उनकी मदद की।
ऐसे होते हैं इंतजाम
जकात सेंटर शहर, आसपास के जिलों और प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से जकात की राशि जमा करती है। बाद में इस राशि के वितरण के लिए लोगों से आवेदन बुलाए जाते हैं। तमाम तहकीकात और भौतिक सत्यापन के बाद लोगों को उनकी जरूरत के लिहाज से पैसा वितरित किया जाता है।
इस्लामिक व्यवस्था
इस्लाम के मानने वाले अपनी हलाल कमाई का ढाई प्रतिशत हिस्सा जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाते हैं। इस्लाम के मुख्य आधारों में शामिल जकात की अदायगी की अनिवार्यता सामाजिक समरसता बनाए रखने के लिए ही की गई है। बिना किसी दबाव या जबरदस्ती के लोग अपनी संपत्ति का स्व आंकलन कर जकात अदा करते हैं। इस राशि से समाज के कमजोर लोगों को आसानी मिल जाती हैं।
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