लेखक-सत्येंद्र जैन
भाजपा के राष्ट्रव्यापी संगठन पर्व सदस्यता अभियान में सदस्य संख्या दस करोड़ से अधिक हो गई है।पूर्व की 18 करोड़ की सदस्य संख्या में दस करोड़ नए सदस्य जोड़ने का लक्ष्य राष्ट्रीय स्तर पर लिया गया है।सर्व प्रथम पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं वर्तमान में भारत सरकार के गृहमंत्री अमित शाह ने भाजपा को विश्व की सबसे बड़ी पार्टी बनाने के संकल्प लेकर 11 करोड़ से अधिक सदस्य बनाकर आधारशिला रखी थी ।राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने इसे आगे बढ़ाया है।मध्य प्रदेश में भाजपा के एक करोड़ साठ लाख से अधिक सदस्य बन चुके हैं।1.5 करोड़ की सदस्यता लक्ष्य को पूरित कर लिया गया है।सक्रिय सदस्यता अभियान भी समानांतर रूप से संचालित है।मध्य प्रदेश भाजपा ने पुनः कीर्तिमान स्थापित किया है।उत्तर प्रदेश के बाद दूसरे सर्वोच्च स्थान पर मध्य प्रदेश भाजपा संगठन इकाई है।उत्तरप्रदेश की जनसंख्या मध्य प्रदेश से लगभग तीन गुना अधिक है।दूसरे शब्दों में कहें तो मध्यप्रदेश भाजपा इकाई ने सर्वाधिक जनसंख्या प्रतिशत में भाजपा सदस्यता अर्जित की है।इस प्रशंसनीय, महानतम उपलब्धि के शिल्पकारों में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा भी एक महत्वपूर्ण पात्र हैं।
लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी ने मध्य प्रदेश में स्वर्णिम इतिहास रचा है।29 लोकसभा सीटों पर प्रचण्ड विजय श्री प्राप्त हुई है।लोकसभा में मप्र कांग्रेस सांसद विहीन हो गई है, शून्यता को प्राप्त हुई है।कांग्रेस के गढ़ छिंदवाड़ा में भी पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के पुत्र नकुलनाथ को परास्त कर भाजपा ने ध्वस्त कर दिया है।मप्र में भाजपा ने मत प्रतिशत भी लगभग 60 प्रतिशत अर्जित किया है।विष्णु दत्त शर्मा स्वयं भी खजुराहो लोकसभा सीट से 5.42 लाख मतों के विशाल अन्तर से कांग्रेस और उनके गठबंधन को परास्त कर दूसरी बार विजयी हुए हैं ।छिंदवाड़ा जिले की अमरवाड़ा विधानसभा के उपचुनाव 2024 में भी भाजपा को जनता ने विजय श्री का आशीर्वाद दिया है।
इस प्रकार की निरन्तर,अविरल,महान,अद्वितीय विजय,सफलता प्राप्ति के शिल्पकारों में प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा भी महत्वपूर्ण पात्र हैं।
विधानसभा चुनाव 2023 में भारतीय जनता पार्टी को मध्य प्रदेश में तीन राज्यों में अपार,आशातीत,छप्पर-फाड़,प्रचण्ड विजयी सफलता प्राप्त हुई है।मध्य प्रदेश में भाजपा की सत्ता प्राप्ति की संभावनाएं या गणितीय प्रायिकताएं न्यून थीं।पंद्रह माह के कांग्रेस की कमलनाथ सरकार को छोड़,भाजपा ने लगभग बीस वर्ष के शासन उपरांत मध्य प्रदेश में चुनाव में विषम परिस्थितियों का सामना किया ।पिछले साढ़े तीन वर्षों से कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल भाजपा सरकार को अलोकतांत्रिक और धनबल की सरकार बताते रहे। जनता के समक्ष,मीडिया, सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों द्वारा भ्रम उत्पन्न करने का असफल प्रयास किया गया।चुनाव प्रचार में कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी दलों ने अनेक मुद्दों को जनता के बीच रखा।सत्ता विरोधी लहर भी एक महत्वपूर्ण कारक होता है।सत्ताधारी दल के क्षेत्रीय विधायक के प्रति विरोधी लहर भी एक प्रमुख कारक होता है।कांग्रेस ने इस सत्ता विरोधी लहर को उत्पन्न करने हेतु एड़ी से चोटी तक का पूरा जोर लगाया।
इन विषम परिस्थितियों के उपरांत भी भारतीय जनता पार्टी ने पांचवीं बार मध्य प्रदेश में सरकार गठन की है।भाजपा ने 163 सीटें,दो-तिहाई बहुमत से अधिक जीती हैं।71 प्रतिशत विधानसभा सीटों पर आधिपत्य जमाया है।विधानसभा चुनाव के इतिहास में सर्वाधिक मत 48.5 प्रतिशत अर्जित किया है।2003 में भाजपा ने 173 सीटों एवं 2013 में 165 सीटों पर विजय प्राप्त के समय भी मत प्रतिशत कम रहा।कांग्रेस को पच्चीस वर्ष से सत्ता से बाहर रखा है।इस प्रचण्ड विजय की संकल्प सिद्धि में भाजपा संगठन प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
शुभंकर प्रदेश अध्यक्ष
मध्यप्रदेश में फरवरी 2020 में विष्णु दत्त शर्मा के नवागत अध्यक्ष के रूप मे पदार्पण करते ही भाजपा में मंगल-मंगल होने लगा था।मार्च 2020 के महीने में ही कांग्रेस की कमलनाथ सरकार का किला ध्वस्त हो गया। कमलनाथ सरकार चली गई।मध्य प्रदेश की जनता के लिए शुभंकर सिद्ध हुए हैं।इसके बाद हुए विधानसभा के उपचुनाव में भी भाजपा को महती सफलता प्राप्त हुई है।भाजपा सरकार को विधानसभा में सवा सौ से अधिक विधायकों का स्पष्ट बहुमत प्राप्त हुआ था।
आत्मनो मोक्षार्थं जगद्धिताय च के मंत्र को आत्मसात कर राष्ट्र निर्माण में अपने जीवन के सर्वस्व समर्पण के पर्याय विष्णु दत्त शर्मा हैं।उनका राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ,अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद एवं अनेक समविचारी संगठनों में कार्य करने का अनेक वर्षों का अनुभव एवं संगठन कौशल भी भाजपा को लाभकारी सिद्ध हुआ है।वह संगठन के सर्वोत्कृष्ट शिल्पी हैं।संघटक हैं।