*-अर्थाराइटीज जागरूकता माह के अवसर पर निःशुल्क गठिया जागरूकता कार्यक्रम आयोजित*
*भोपाल।* गठिया 150 से 200 प्रकार के पाए जाते है। कुछ जोड़ो से संबंधित होते हैं और कुछ आंतरिक होते हैं। इन्ही का इलाज करने वालों को रुमेटोलोजिस्ट कहा जाता है। विभिन्न प्रकार के गठिया को दो भागो में बांट सकते हैं सूजन वाला गठिया और बिना सूजन वाला गठिया। सूजन वाले गठिया में शरीर के दूसरे अंग भी प्रभावित होते हैं। बिना सूजन वाला गठिया उम्र का गठिया कहलाता है। विभिन्न प्रकार के गठिया का इलाज और दवा भी अलग होती है। कुछ गठिया रोग खासकर सूजन वाले गठिया का इलाज लम्बा चल सकता है। यह बात अर्थाराइटीज जागरूकता माह के अवसर पर रह्युमेटोलॉजी एसोसिएशन भोपाल द्वारा गठिया जागरूकता कार्यक्रम के दौरान सीनियर रूमेटोलॉजिस्ट डॉ अपूर्व खरे ने कहीं। मरीजों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अपने डॉक्टर के द्वारा बताई गई दवाई वैसे ही खाए जैसे बताई गई है और खाने पीने का परहेज रखे और कसरत भी करें। अगर आप इलाज में सहयोग करेंगे तो हम इसे आसानी से हरा पाएंगे। मानस भवन में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान 5 जाने-माने रूमेटोलॉजिस्ट ने लोगों को गठिया के विभिन्न प्रकारों, लक्षणों, उपचार के नवीनतम तरीकों, आहार और व्यायाम के महत्व के बारे में जानकारी दी।
*बीमारी की जल्दी पहचान कर एग्रेसिव ट्रीटमेंट जरुरी*
हमीदिया अस्पताल के मेडिसिन विभाग में असोसिएट प्रोफेसर और डीएम रूमेटोलॉजी डॉ प्रेक्षा द्विवेदी कहती हैं कि गठिया 150 प्रकार का होता है, जिसका संबंध सिर्फ जोड़ों से नहीं बल्कि यह शरीर के अन्य अंगों को भी प्रभावित करता है। सही समय पर इलाज मिलने पर कम दवाइयों के जरिए ही इंसान सामान्य जीवन जी सकता है परंतु इलाज में देरी होने पर शरीर के जोड़ों में भी विकृति आ सकती है। यह आपके निजी-सामाजिक और आर्थिक जीवन को भी प्रभावित करता है। इसके लिए जरुरी है कि आप अपने डॉक्टर से बीमारी के संबंध में हर तरह के सवाल पूछे और अपनी जिज्ञासाओं को शांत करें। अब बीमारी के लिए अच्छा इलाज उपलब्ध है जिसमें अच्छी दवाएं, इंजेक्शन और बायोलॉजिक्स खास हैं इनको लेते हुए आप बिल्कुल सामान्य जीवन व्यतीत कर सकते हैं। आप जितना जल्दी इसके लक्षणों को समझकर इलाज शुरू करेंगे, आपकी क्वालिटी ऑफ़ लाइफ उतनी ही बेहतर होगी।
*जोड़ों में दर्द, सूजन एवं जकड़न है आम लक्षण गठिया रोगों के*
रूमेटोलॉजिस्ट डॉ राहुल साहू ने गठिया रोगों के लक्षणों के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि अधिकांश गठिया रोगों में जोड़ों में दर्द, सूजन एवं जकड़न होती है। यह दर्द एवं जकड़न, आराम करने पर जैसे की देर रात्रि और प्रातः काल अधिक होती है, और दैनिक कार्य शुरू करने के बाद दोनों कम होने लगते है। दर्द एवं जकड़न से प्रभावित व्यक्ति को अपने दैनिक कार्य करने में कठिनाई होने लगती है। लंबे समय तक उचित इलाज न मिलने पर जोड़ों में विभिन्न प्रकार की विकृतियां भी उत्पन्न हो सकती है। इसके अलावा गठिया रोगों में लंबे समय तक कमजोरी, थकावट, भूख न लगना, वज़न गिरना एवं लंबे समय तक हल्का बुखार बने रहना जैसे लक्षण भी बहुत आम होते है। उचित इलाज न होने से बहुत से गठिया रोगों में गुर्दे, लीवर, हृदय, फेफड़े, आंखे एवं विभिन्न आंतरिक अंगों में भी क्षति हो सकती है। यह सभी लक्षण मिलकर व्यक्ति के जीवन की गुणवत्ता को काफी हद तक प्रभावित कर सकते हैं, जिससे उन्हें अपनी दिनचर्या के कार्यों को करने में मुश्किल होती है। गठिया के इन लक्षणों की पहचान और सही समय पर उचित इलाज लेने से यह सब कॉम्प्लिकेशन्स को होने से रोका जा सकता है एवं सामान्य जीवन जिया सकता है । यदि किसी भी व्यक्ति को उक्त लक्षण होते है तो उन्हें जल्द ही नज़दीकी रूमेटोलॉजिस्ट से परामर्श लेना चाहिए।
*खानपान और जीवनशैली में परिवर्तन जरुरी*
रूमेटोलॉजिस्ट डॉ प्रतीक देव ने कहा कि गठिया के रोगियों के लिए खानपान और जीवनशैली में परिवर्तन महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। गठिया के दर्द को कम करने के लिए दूध, दही, संतरा, निम्बू और मौसम्बी से मिलने वाले विटामिन लाभदायक होते हैं। टमाटर और बैगन में पाया जाने वाला आइरन और विटामिन डी भी गठिया के लिए आवश्यक है। प्रोटीन के अच्छे स्त्रोत के रूप में राजमा और सोयाबीन बेहद महत्वपूर्ण हैं। बिना तड़के और क्रीम वाली दालें पोषण का अच्छा स्त्रोत हैं और गठिया रोगियों के लिए उपयुक्त हैं। सूखे मेवे भी लाभकारी हैं, लेकिन इन्हें सीमित मात्रा में लेना चाहिए। हल्दी और लहसुन युक्त खाद्य पदार्थ गठिया के दर्द को कम करने में सहायक होते हैं। लाल, पीली और हरी सब्जियां अवश्य खानी चाहिए, और मैदे के बजाय होल ग्रेन आटे का इस्तेमाल करना चाहिए। नॉन वेजीटेरियंस के लिए मछली एक अच्छी डाइट है। जीवनशैली में रोज गुनगुने पानी से नहाना, 40 मिनट कसरत करना, 8 घंटे की नींद लेना और किसी शौक के जरिए खुद को रिफ्रेश और रिलेक्स करना गठिया से लड़ने के सबसे अच्छे तरीके हैं। इन परिवर्तनों को अपनाकर गठिया के दर्द में राहत पाई जा सकती है।
*क्वालिटी लाइफ जी रहे गठिया के वॉरियर*
संस्कृति सिंह ने बताया कि जब वह 5th क्लास में थी तब उन्हें जुवेनाइल अर्थरायटीज हुआ था। शुरू में मैंने इसके लक्षण पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। जब तकलीफ ज्यादा बढ़ी तब मैं डॉक्टर के पास गई और उन्होंने मेरा उपचार शुरू किया। वर्तमान में मेरा इलाज चल रहा है और काफी हद तक मेरी तकलीफ कम हो गई है। अभिषेक मालवीय ने बताया कि उन्हें लॉकडाउन के समय कमर में दर्द शुरू हुआ। करीब छ: महीने तक मैं पेन किलर लेकर इसे टालता रहा। जब दर्द ज्यादा बढ़ गया तब मैं डॉक्टर के पास गया और उन्होंने बताया कि मुझे अर्थाराइटीज है। फिर मेरा इलाज शुरू हुआ और 3-4 महीने में मुझे काफी आराम मिला और अब मैं सिर्फ रेगुलर चैकअप के लिए डॉक्टर के पास जाता हूं। संगीता पंवार ने बताया कि उन्हें जोड़ो में दर्द रहता था। जब दर्द ज्यादा बढ़ गया तो वह डॉक्टर के पास गई और उनका इलाज शुरू हुआ। करीब पांच साल इलाज चला और अभी उनकी तकलीफ बहुत कम हो गई है।
डॉ. अरुण तिवारी ने गठिया (आर्थराइटिस) से जुड़ी कई भ्रांतियों के बारे में जानकारी दी, जिसमें से प्रमुख यह है :
*बॉक्स*
भ्रान्ति- गठिया लाइलाज रोग है
तथ्य- गठिया का समय रहते परामर्श से समुचित निदान और चिकित्सा संभव है
भ्रान्ति- सभी गठिया एक जैसे होते हैं
तथ्य – 100 से भी अधिक प्रकार के गठिया रोग हैं
भ्रान्ति- गठिया वृद्धावस्था का रोग है
तथ्य- गठिया किसी भी आयु में हो सकता है
भ्रान्ति- खट्टे खाद्य पदार्थ से गठिया होता है
तथ्य- गाउट के अतिरिक्त किसी भी प्रकार के गठिया में खान पान का कोई विशेष परहेज नहीं
भ्रान्ति- गठिया के रोगियों को व्यायाम नहीं करना चाहिए
तथ्य- गठिया के रोगियों को चिकित्सक के मार्गदर्शन में नियमित व्यायाम करना चाहिए
भ्रान्ति – गठिया केवल जोड़ों को प्रभावित करता है
तथ्य – ऑटो-इम्मून गठिया रोग शरीर के कई अंगों ( फेफड़ों, गुर्दों, त्वचा, ह्रदय, मस्तिष्क और पाचन तंत्र) को भी प्रभावित कर सकतें है
भ्रान्ति – गठिया की दवाओं से किडनी ख़राब हो जाती है
तथ्य- गठिया रोग विशेषज्ञ आपके किडनी , लिवर और ब्लड काउंट्स नियमित चेक करवाते है
किडनी बिना मार्गदर्शन के ली गयी पेन किलर दवाओं से ख़राब होती है, गठिया की दवाओं से नहीं
भ्रान्ति- गठिया के इलाज में स्टेरॉइड्स उपयोग में आते है, जो शरीर को नुकसान देते हैं
तथ्य – गठिया रोग विशेषज्ञ आपको थोड़े समय के लिए मार्गदर्शन में स्टेरॉइड्स देते है
स्टेरॉइड्स बिना विशेषज्ञ की सलाह से लम्बे समय तक और अधिक डोज में लेने से नुकसान होते है
भ्रान्ति- गठिया की दवाओं से प्रेगनेंसी में समस्या होती है
तथ्य – गठिया की कुछ दवाओं का प्रयोग प्रेगनेंसी में नहीं करना रहता, यह आप अपने गठिया रोग विशेषज्ञ से परामर्श ले सकते हैं