पर्दे तक पहुंचने वाले हर एक्टर की एक ही कोशिश होती है कि वो कुछ ऐसा दर्शकों के दिल में उतरे कि छा जाए. लेकिन दर्शकों का प्यार किसे ‘स्टार’ बनाता है और किसे ‘साइड एक्टर’ बनने को मजबूर करता है, ये रहस्य तो आजतक खुद दर्शक भी नहीं समझ पाए. ऐसी ही एक एक्ट्रेस की कहानी हम आपको बताने जा रहे हैं, जिन्होंने करियर की शुरुआत में अनिल कपूर (Anil Kapoor) के साथ फिल्म की लेकिन किस्मत का पासा कुछ ऐसा पलटा कि अगली ही फिल्म से ये एक्ट्रेस ‘मां’ के रोल करने लगी. ये हैं गुजरे जमाने की एक्ट्रेस बीना बनर्जी (Beena Banerjee), जिन्हें बीना के नाम से जाना जाता है. बीना आज भी टीवी और फिल्मों की दुनिया काम कर रही हैं. बीना ने 80 व 90 के दशक में कई एक्टर्स की मां का रोल किया है।
बीना हिंदी सिनेमा की दुनिया में कोई स्ट्रगलर नहीं थीं. वो पुराने जमाने के प्रसिद्ध एक्टर प्रदीप कुमार (Pradeep Kumar) की बेटी हैं. अपनी खूबसूरत आंखों और मासूम चेहरे के चलते शुरुआत में उन्हें हीरोइन के रोल मिले. बीना ने 200 से ज्यादा हिंदी फिल्मों में काम किया है और ज्यादातर फिल्मों वह मां या भाभी के किरदार में नजर आईं. बीना ने अपने करियर की शुरुआत 1977 में यश चौपड़ा की फिल्म ‘दूसरा आदमी’ से की थी. अगले ही साल वो राज कपूर की ‘सत्यम शिवम सुंदरम’ में भी नजर आईं. लेकिन इस फिल्म का सारा फोकस जीनत अमान ले गईं, और बीना पर किसी की नजर नहीं पड़ी।
‘रचना’ की लीड एक्ट्रेस बनीं बीना
1979 में आई थी फिल्म ‘शिक्षा’, जिसमें बीना का अहम किरदार था. लेकिन इस फिल्म की रिलीज बहुत ठंडी रही. फिल्म 1980 में आई फिल्म ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ की लीड एक्ट्रेस भी बीना ही थीं. लेकिन ये फिल्म भी फ्लॉप रही और 3 सालों तक उनकी कोई फिल्म नहीं आई. फिर 1983 में बीना के लीड रोल वाली फिल्म आई ‘रचना’. इस फिल्म का नाम भी बीना के किरदार पर ही था. एक्ट्रेस को इस फिल्म से बहुत उम्मीदें थीं।
इस फिल्म में अनिल कपूर उनके हीरो थे. ‘रचना’ की कहानी भावुक कर देने वाली थी, जिसमें वो काफी मासूम और अच्छी लगी थीं. लेकिन ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर इतनी बुरी साबित हुई कि ज्यादातर सिनेमाघरों ने 1 हफ्ते में ही फिल्म हटा दी. 1983 में आई ‘रचना’ में जो बीना हीरोइन बनी थीं, इस फिल्म के फ्लॉप होते ही इसी साल आई दूसरी फिल्म ‘लवर्स’ में बीना एक्टर कुमार गौरव की मां के किरदार में नजर आईं. ये पहली फिल्म थी, जिसमें वो ‘मां’ के रोल में नजर आई।
बीना इसके बाद ‘मेरी जंग’, ‘करमा’, ‘कयामत से कयामत तक’, ‘जख्मी औरत’, ‘चांदनी’, ‘बागी’, ‘सौगंध’, ‘खुदा गवाह’, ‘पहचान’, ‘अंजाम’, ‘जिद्दी’ जैसी कई फिल्मों में नजर आई हैं. हिंदी फिल्मों के अलावा एक्ट्रेस बंगाली फिल्मों में भी खूब नजर आई हैं.