उत्सव” का शुभारंभ
नाबार्ड, मध्य प्रदेश क्षेत्रीय कार्यालय के सहयोग से स्वयं सहायता समूह की महिलाओं, हस्तशिल्पियों और कृषक उत्पादक संघों द्वारा तैयार उत्पादों के विपणन हेतु एक मंच प्रदान करने के उद्देश्य से नाबार्ड द्वारा दिनांक 19 से 27 नवम्बर 2024 तक “ग्रामीण विकास का उत्सव” का आयोजन किया जा रहा है। इसका शुभारंभ आज दिनांक 19 नवम्बर 2024 को श्री मंगु भाई पटेल, माननीय राज्यपाल महोदय के कर कमलों द्वारा किया गया, जिसमें विशिष्ट अतिथि के रूप में सुश्री रेखा चंदनावेली, क्षेत्रीय निदेशक, आरबीआई, श्री चंद्रशेखर शर्मा, मुख्य महाप्रबंधक, एसबीआई, श्री तरसेम सिंह जीरा- संयोजक, एसएलबीसी, श्री आर सी बेहेरा, अध्यक्ष, मध्य प्रदेश ग्रामीण बैंक एवं श्री प्रवीण अवस्थी, अध्यक्ष, मध्यांचल ग्रामीण बैंक उपस्थित रहे। श्री सुनील कुमार, मुख्य महाप्रबंधक, नाबार्ड द्वारा माननीय राज्यपाल महोदय के स्वागत के साथ कार्यक्रम की शुरुवात हुई।
सुनील कुमार, मुख्य महाप्रबंधक ने अपने स्वागत उद्बोधन में कार्यक्रम के आयोजन की भूमिका और उसके उद्देश्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम सिर्फ एक प्रदर्शनी नहीं है बल्कि यह आर्थिक सशक्तिकरण का मंच है। यह हमारे कारीगरों और एफपीओ सदस्यों के लिए ग्राहकों से जुडने, नए बाजार तलाशने और अपनी आजीविका बढ़ाने का एक अवसर है। अंत में उन्होने सभी भोपाल वासियों से भोपाल हाट का दौरा करने और इन कारीगरों/शिल्पकारों को अपनी बिक्री बढ़ाने में मदद करने की अपील की।
श्री तरसेम सिंह जीरा, महाप्रबंधक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने अपने सम्बोधन में भारत की ग्रामीण समृद्धि में नाबार्ड के योगदान की प्रशंसा की। मध्य प्रदेश के साथ साथ पूरे भारत के कारीगरों/शिल्पकारों को एक छत के नीचे भोपाल में बुलवाकर विपणन का मंच प्रदान करने के लिए उन्होंने नाबार्ड के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने यह भी कहा कि ग्रामीण जैसे मंच माननीय प्रधानमंत्री जी के वोकल फॉर लोकल के नारे को सही मायने में पूरा करने मे महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते है। उन्होने सारे प्रतिभागियों को ऑनलाइन मार्केट का उपयोग करके अपने उत्पाद भारत के सभी क्षेत्रों मे बेचने के लिए अपील की।
श्री चंद्रशेखर शर्मा, मुख्य महाप्रबंधक, भारतीय स्टेट बैंक ने अपने उद्बोधन में कहा कि नाबार्ड की यह अनूठी पहल हम शहर वासियों को देश के विभिन्न भागों से आए कारीगरों/शिल्पकारों को मिलने का एवं उनकी समस्याएं समझने का मौका प्रदान करती है। उन्होने आगे कहा की विपणन के ऐसे अवसर कारीगरों/शिल्पकारों को बिक्री से अधिकाधिक लाभ प्राप्त करने मे महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते है। उन्होने अंत में कहा की ग्रामीण विकास के लिए जिस स्तर पर नाबार्ड काम करता है वैसे कोई और संस्था नहीं कर सकती। उन्होंने नाबार्ड के विकासात्मक पहलों को एसबीआई की ओर से पूर्ण सहयोग देने का आश्वासन दिया।
*नाबाई, भोपाल
उत्कृष्ट कार्य की सराहना करते हुए कहा कि भारत की आत्मा ग्रामीण भागों मे रहती है, इसलिए ग्रामीणउत्कृष्ट कार्य की सराहना करते हुए कहा कि भारत की आत्मा ग्रामीण भागों मे रहती है, इसलिए ग्रामीण क्षेत्र का विकास देश के विकास के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री का सपना है कि हर खेत मे एक ड्रोन और हर हाथ मे मोबाइल हो। उन्होने स्वयं सहायता समूह संकल्पना के माध्यम से ग्रामीण विकास की संकल्पना पर कई उदाहरणों के माध्यम से प्रकाश डाला। उन्होने आगे बताया की अगर उत्तम गुणवत्ता के उत्पादन बनाया जाए तो लोग उसका अधिक मूल्य देने के लिए भी तैयार हो जाते है। उन्होंने नाबार्ड से उत्पाद की मार्केटिंग बढ़ाकर 3 करोड़ के बिक्री लक्ष्य को हासिल करने हेतु आग्रह किया। अंत में उन्होने सभी बैंकों से, सरकारी विभागों एवं गैर सरकारी संगठनों से ग्रामीण परिवारों के जीवन मे सुधार लाने के लिए किए जा रहे प्रयासो को जारी रखने का अनुरोध किया।
भोपाल हाट मे आयोजित इस मेले में भारत वर्ष के लगभग सभी राज्यो यथा जम्मू-कश्मीर से लेकर केरल और सिक्किम से लेकर राजस्थान के लगभग 100 स्वयं सहायता समूहों, हस्तशिल्पियों और कृषक उत्पादक संघों ने अपने उत्पाद बिक्री के लिये लाये। भोपालवासी इस प्रदर्शनी में अरूणाचल प्रदेश एवं त्रिपुरा से बांस के बने उत्पाद, असम से हेण्डलूम, कश्मीर से शॉल एवं पेपरमेशी, पंजाब की फुलकारी, गुजरात के कच्छ की मोजरी और चमड़े के उत्पाद, उत्तरप्रदेश से बनारसी साड़ी एवं हस्तशिल्प, बिहार से भागलपुरी सिल्क और मधुबनी पेंटिंग जैसे विशिष्ट उत्पाद खरीद सकते है।
सुनील कुमार, मुख्य महाप्रबंधक