भोपाल। owais mansoori
केंद्र एवं राज्य शासन की योजनाओं को जमीनी स्तर पर क्रियान्वित की जिम्मेदारी कोई बेहतर तरीके से निभाता है तो वह स्वयं सेवी संस्थाएं ही है जो जन-जन तक शासन की जनहित योजनाओं को पूरी ईमानदारी के साथ कार्य कर अपना कर्तव्य निभा रही है और आज स्वयं सेवी संस्थाएं हताश और उपेक्षित है इसका मुख्य कारण है कि कई दशकों से स्वयंसेवी संस्थाओं के लिए कोई भी ऐसा प्लेटफॉर्म शासन स्तर तैयार नहीं किया जहां वह अपनी बात रख सके। इसी को ध्यान में रखते हुए समाज कल्याण एवं एनजीओ के हित में एन.जी.ओ. महासंघ सक्रिय रूप से कार्यरत है। महासंघ में मध्यप्रदेश के प्रत्येक जिला एवं तहसील से स्वयंसेवी संस्थाएं शामिल है, वर्तमान में मध्यप्रदेश में
लगभग 2 लाख से अधिक स्वयंसेवी संस्थाएं कार्य कर रही है जो अलग-अलग क्षेत्र में सामाजिक उत्थान के क्षेत्र में सेवाएं दे रही है देखा जाए तो लगभग 20 लाख से अधिक समाजसेवी प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से समाज की सेवा कर रहे हैं स्वयंसेवी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री सुरेंद्र श्रीवास्तव, सचिव श्रीमती प्रतिभा चौहान एवं प्रवक्ता श्री राजेश यादव ने बात रखते हुए प्रेस वार्ता में कहा कि मध्यप्रदेश शासन से एन.जी.ओ. महासंघ की मांग करता है कि कल्याण बोर्ड की स्थापना की जाए, इसी के साथ पंजीयन शुल्क वृद्धि एवं विलंब शुल्क आदेश को अविलंब वापस लिया जाए क्योंकि शासन के इस निर्णय से संस्थाएं हतोत्साहित है।
शासन-प्रशासन हमारी 11 सूत्रीय मांगों के ज्ञापन पर ध्यान नहीं देती है तो एन.जी.ओ. महासंघ के संयुक्त तत्वावधान में एक विशाल अधिवेशन स्वयंसेवी संस्थाओं का भोपाल में आयोजित किया जाएगा।
जिसमें 11 सूत्रीय मांगों को लेकर आगामी रणनीति के माध्यम से आंदोलन की रूपरेखा पर भी विचार विमर्श किया जाएगा।
यह ज्ञापन शासन- प्रशासन, राज्यपाल, मुख्यमंत्री और विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रमुखों, तथा महासंघ की जिला इकाईयों के माध्यम से विधान सभा प्रत्याशियों को भी जिला एवं तहसील स्तर पर 15 दिवसीय ज्ञापन
आभियान के माध्यम से ज्ञापन दिया जायेगा। एन.जी.ओ. महासंघ प्रतिनिधि मंडल ने बताया कि 31 अक्टूबर 2023 को राष्ट्रीय एकता दिवस एवं सरदार वल्लव भाई पटेल की जयंती के अवसर पर सरकार में एनजीओ की सहभागिता पर व्याख्यान कार्यक्रम भोपाल में आयोजित होगा।
एन.जी.ओ. महासंघ प्रतिनिधि मंडल:-