भोपाल मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज कहा कि भारतीय जनता पार्टी का शीर्ष नेतृत्व राज्य में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए बहुत बड़ी बाधा बनता जा रहा है और अधिकारियों को धमकी देना न केवल आचार संहिता का उल्लंघन है, बल्कि आपराधिक कृत्य भी है।
कमलनाथ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया, ‘भारतीय जनता पार्टी का शीर्ष नेतृत्व मध्य प्रदेश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए बहुत बड़ी बाधा बनता जा रहा है। अधिकारियों को धमकी देना कि अगर उन्होंने भाजपा के चुनाव चिन्ह ‘कमल’ का ध्यान नहीं रखा तो उसे छोड़ना मत, न सिर्फ आचार संहिता का खुला उल्लंघन है, बल्कि आपराधिक कृत्य है। चुनाव प्रक्रिया के बीच में अधिकारियों को डराना और धमकाना लोकतंत्र की हत्या करने के बराबर है।’
उन्होंने राज्य के अधिकारी-कर्मचारियों का आह्वान करते हुए कहा कि उन्हें किसी से डरने की जरूरत नहीं है, उन्हें सिर्फ वही कार्य करना चाहिए जो संवैधानिक दृष्टि से उचित है। उन्होंने कहा कि कर्मचारी और अधिकारी शासन के हैं, ना कि किसी दल विशेष के। अधिकारी कर्मचारी भी पहचानेंगे कि कौन सा राजनीतिक दल लोकतंत्र को मजबूत कर रहा है और कौन सा राजनीतिक दल लोकतंत्र और नागरिक अधिकारों को कमजोर कर रहा है।
कमलनाथ ने कतिपय मीडिया में प्रकाशित एक खबर के संदर्भ में ये पोस्ट की। खबर के अनुसार कल देर रात भारतीय जनता पार्टी की भोपाल और नर्मदापुरम संभाग की बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अधिकारियों के संदर्भ में कथित तौर पर चेतावनी भरे शब्दों का इस्तेमाल किया। इस खबर को लेकर आज कांग्रेस के नेता भाजपा पर हमलावर हो रहे हैं।