अल्हमदुलील्लाह मध्यप्रदेश कॉंग्रेस की उपाध्यक्ष हूँ अल्पसंख्यक आयोग की सदस्य (राज्यमंत्री ) रही हूँ पार्टी के प्रति पूरी ईमानदारी से मैंने 25 साल काम किया है और योद्धा के रूप में कई मोर्चो पर लड़ी हूँ भारत यात्री के रूप में कन्याकुमारी से कश्मीर की दूरी अपने कदमों से नापी है मैं दुनिया के पीछे लगातार दौड़ती रही लेकिन अंदर एक कसक थी बेचैनी थी जिसका राजनीति और सरकार बनने या ना बनने से कोई लेना देना नहीं था
मैंने अपनी ज़िम्मेदारी का निर्वहन पूरी ईमानदारी से किया है मैं अब अपनी मर्ज़ी के मुताबिक़ जीना चाहती हूँ मैं अपने मज़हब का पालन करना चाहती हूँ जिसकी पहली शर्त औरत के लिए पर्दा है मैंने अपने गुनाहों की माफ़ी अल्लाह से माँगी है मैं शुक्र गुज़ार हूँ अल्लाह ने मुझे हिदायत दी मैं नाकामयाब या हताश होकर ऐसा नहीं कर रही मैं कामयाबी के ऊर्ज पर रहते हुए ही अल्लाह की तरफ़ दीन की तरफ़ मुबतला हो रही हूँ जब मैं बेपर्दा थी सबने खूब शाबाशी देकर वाह वाही की आज जब मैं सही रास्ते की जद्दोज़द पर हूँ मुझे पागल नाकामयाब और तबियत का पूछा जा रहा है ये समझा जा रहा है मैं परेशान हूँ आज मेरे ही अपने मुझसे सवाल कर रहे की मैं ऐसा क्यों कर रही हूँ मेरी पोस्ट पर बहस है हिजाब की लेकिन मैंने पक्का इरादा कर लिया है और रही राजनीति की बात तो अब वो दूसरो के हिसाब से नहीं होगी मेरे उसूलों पर होगी अल्लाह की रज़ा जिसमे शामिल हो उसके मुताबिक़ होगी आप सबकी दुआओ की मुंतज़िर !!
Noori Khan