उत्तर बस्तर कांकेर :owais mansoori
तैयारी कर रहे पी.जी. के छात्र श्री शंकर कोमरे ने कहा कि शासन के इस निर्णय से युवाओं में बहुत उत्सुकता है। आगामी परीक्षाओं को लेकर असमंजस की स्थिति बनी होती थी, परंतु सीजीपीएससी के वार्षिक कैलेण्डर की घोषणा के बाद साल भर की परीक्षाओं की तस्वीर साफ होगी तथा विद्यार्थी अपनी तैयारियां पर जोर लगा सकेंगे, सीजीपीएससी के पैटन में सुधार से निश्चित ही युवाओं को नई प्रेरणा मिलेगी। श्री कोमरे ने आगे कहा कि पिछली परीक्षा में प्रश्न पत्र अच्छे से जाने के बाद भी सफलता नहीं मिली जिससे वह काफी मायूस हो गए थे। अब जब राज्य सरकार ने इसकी उच्च स्तरीय जांच की घोषणा की है तो इससे एक तरह से उम्मीद जगी है।
छात्र श्री सुनील मरकाम तथा कु. दामिनी कोड़ोपी ने कहा कि छत्तीसगढ़ की गई सरकार ने यूपीएससी की तर्ज पर सीजीपीएससी की परीक्षा प्रणाली लागू करने का निर्णय एक सराहनीय पहल है। इससे अब राज्य के विद्यार्थी राज्य पीएससी व यूपीएससी दोनों की तैयारियां एक साथ कर सकेंगे। वहीं आयु सीमा में पांच साल की छूट में वृद्धि किए जाने से युवाओं को लाभ मिलेगा। उन्होंने आगे कहा कि सीबीआई से जांच कराने की सरकार की घोषणा से सभी योग्य युवाओं का सपना पूरा होगा। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय को धन्यवाद दिया।
पीएससी के परीक्षार्थी श्री सुनील कुमार ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उच्च स्तरीय प्रशासनिक सेवाओं में गत वर्ष हुई अनियमितता होने से वर्षों के मेहनत कर अपना मुकाम हासिल करने वाले परीक्षार्थी हतोत्साहित और मायूस हुए हैं। ऐसे में प्रकरण की जांच सीबीआई से कराए जाने का प्रदेश शासन का निर्णय बेहद सराहनीय है। वहीं अधिकतम आयु सीमा में छूट की अवधि में वृद्धि और यूपीएससी के पैटर्न में राज्य पीएससी परीक्षा आयोजित करने का फैसला एक पंथ दो काज जैसा ही है। इससे राज्य पीएससी के साथ-साथ यूपीएससी की तैयारी करना आसान हो जाएगा।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश की उच्च प्रशासनिक सेवा संस्था राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा वर्ष-2020 में 175 तथा 2021 में 171 पदों पर भर्ती हेतु आवेदन आमंत्रित किए गए थे, जिसमें लाखों की संख्या में अभ्यर्थियों ने आवेदन भरकर परीक्षा दी थी, किन्तु इसमें अनियमितता होने का खुलासा हुआ, जिसके चलते प्रतियोगी परीक्षा में शामिल होने वाले प्रदेश भर के युवाओं में निराशा और मायूसी छा गई थी। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने युवातुर्क की भावनाओं का सम्मान करते हुए उक्त प्रकरण के विरूद्ध केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से उच्च स्तरीय जांच कराने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है, जिससे युवावर्ग भर्ती को लेकर पारदर्शिता और सही मायने में योग्य अभ्यर्थियों के चयन होने को लेकर बेहद आशान्वित है।