गरबा रास
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के शिवलोक फेज के अवधपुरी में विगत दो वर्षो से मातारानी की स्थापना की जा रही है जिसमे बच्चो से लेकर सभी वर्गो के लोग शामिल होते है और परम्परागत गुजराती वेशभूषा में नवरात्र के पूर्व गरबे की ट्रेनिंग नि:शुल्क दी जाती है और कड़ी मेहनत के बाद जब नवरात्र आती है तो माँ दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए अलग-अलग वेश भूशा में दिन प्रतिदिन गरबा रास का भव्य आयोजन होता है इसमें बुरहानपुर से 20 वर्षों पूर्व भोपाल में आई वर्षा अनंत गुजराती अपने सखियों को निशुल्क गरबा सीखाकर भव्य गरबा रास का उत्सव करती है ।
गरबा रास
भोपाल जैसे शहर में गुजरात से आया यह कलचर बहुत ही कम देखने को मिलता है, जिस तरह से भोपाल के अवधपुरी में गरबा राज का कार्यक्रम हुआ यह देखते ही बनता था, वही ट्रेनर वर्षा गुजराती में बताया कि यहां करीब 100 से अधिक परिवार होते हैं जिसमें छोटे बच्चों से लेकर महिलाओं तक सभी बड़े ही आनंद और स्नेह के साथ गरबा सिखाते हैं और नवरात्र में मां को प्रसन्न करने के लिए गरबा रास करते हैं जिन्हें में निशुल्क गरबा सिखाती हूँ,और जिसमें सहयोग मेरे कॉलोनी की सभी सखियों का होता है यहां अन्य प्रकार के फैंसी ड्रेस और बच्चों के गेम्स इत्यादि कार्यक्रम भी बड़े पैमाने पर होते हैं
यहां गरबे में वर्षा गुजराती अपनी स्वयं की स्टेप्स रचकर नए-नए डांडिया रास की स्टेप भी सिखाती है, वहीं मौजूद सखियों ने इस गरबा रास को खूब सराहा,नवरात्र में प्रतिदिन गरबा द्वारा मातारानी की आरती की जाती है और 4 दिन गरबा, डांडिया और डाकला की प्रस्तुति दी जाती है। इसमें 6 वर्ष की बालिका से 60 वर्ष तक के आयुवर्ग की महिलाए अपनी भागीदारी करती है,गरबा के सारे स्टेप्स ट्रेनर श्रीमती वर्षा गुजराती स्वयं से तैयार करती है। उनके अनुसार 1 महीने तक रोज करीब 2 घंटे की प्रैक्टिस थका तो देती है लेकिन माता के प्रति हमारी श्रद्धा हमे उत्साह और ऊर्जा प्रदान करती है।
वर्षा अनंत गुजराती